Friday, March 14, 2008

वो भिखारी

ट्रेन ने हार्न बजाना शुरू कर दिया था। कुछ यात्री जो बाहर पानी की बोतल तथा चिप्स के पैकेट खरीद रहे थे, वापस आकर ट्रेन में चढ चुके थे तथा अपनी अपनी जगह तलाश रहे थे। अचानक एक भिखारी भी ट्रेन से लटक गया और सफ़लता पूर्वक ट्रेन में चढ गया। ट्रेन रफ़्तार पकड चुकी थी। वो भिखारी दरवाजे के पास अपना कम्बल बिछा कर बैठ गया। सामने की सीट पर एक सूट-बूट पहने बैठे सज्जन को शायद उस भिखारी की शक्ल पसंद नही आयी जिस कारण वो सज्जन चिल्ला पडे- ओय, यहाँ कहाँ बैठ रहा है? कोई और डिब्बा तलाश ले, चल भाग यहा से। उस भिखारी ने उस सज्जन की ओर देखा और आँखों ही आँखों से वही बैठे रहने देने की विनती की। तभी वहाँ टीटी आ गया। टीटी ने उस सज्ज्न का टिकट चेक किया तथा भिखारी से टिकट मांगा। टीटी को देखकर भिखारी ने अपने हाथ जोड लिये। टीटी ने उसको लात मारते हुये कहा- चल भाग यहा से, वरना जेल में सडा दूंगा। भिखारी को शायद इस व्यवहार की उम्मीद नहीं थी, उसे गुस्सा आ गया था। वो अचानक ही चिल्ला पडा- “HOW DARE YOU TO TOUCH ME?” भिखारी के मुँह से इतनी शुध्द अंग्रेजी सुनकर टीटी अचानक घबरा सा गया था, उसके माथे से पसीने की बूंद टपकने लगी थी। सारे डिब्बे के लोग अपनी जगहों पर खडे हो गये और कौतूहलवश उस भिखारी को देखने लगे। अचानक वो सूट वाला सज्जन अपनी जगह से उठा और उस भिखारी को उठाते हुये वोला- अरे बाबा, आप वहा नीचे क्यों बैठे है? आइये मेरे साथ बैठिये।” पूरे डिब्बे में लोग अब उस भिखारी के प्रति सहानुभूति से भर गये थे। एक यात्री टीटी पर चिल्लाया- इस तरह किसी को लात मारी जाती है क्या? बाबा कितने बूढे है, जानवर हो क्या? कहीं से आवाज आयी- अरे, बाबा भूखे होंगे। कुछ खिला पिला दो। कोई और बोला- बाबा लगते तो अच्छे घर के है, शायद घर वालो ने निकाल दिया होगा। हर तरफ़ खुसर-फ़ुसर शुरू हो गयी थी। एक बूढा आदमी बोला- शायद बाबा के बेटो ने अपनी बीवियों के कहने से घर से निकाल दिया होगा। आज-कल की नयी पीढी के दिलों में हम बूढों के लिये शायद कोई जगह ही नहीं बची है। लोग अब उस भिखारी को खिला पिला रहे थे।

मैं उसी डिब्बे में एक कोने में बैठा ये सब देखकर सोच रहा था कि अंग्रेजी भाषा किसी भिखारी तक को भी सम्मान दिला सकती है, ये तो अदभुत है। लेकिन मन ही मन आज की पीढी के लोगो की छिपी हुयी गुलामी भी मुझे दिखायी दी। लोगो का तन नहीं लेकिन मन, मस्तिष्क जरूर गुलाम था, वो था गुलाम- अंग्रेजी भाषा का।