1- आग में डूबा हुआ बर्फ़ का टुकडा,
क्या सोचते हो, अपने को बचा पायेगा पिघलने से।
इश्क भी तो वो आग है,
फ़िर कैसे बचेगा ये दिल झुलसने से॥
2- समुन्दर के आंसुओ को देखा है कभी,
उसने भी इश्क किया था कभी।
इक अधूरे प्यार की ख्वाहिश में उसने,
उन आंसुओ को अपनी पहचान बना लिया॥
3- मेरी चाहत का इम्तहान लिया उसने,
इक बार मरने का नाटक किया उसने।
वो तो उठ कर बैठ गये लेकिन,
उसकी गली से मेरा जनाजा निकला॥
4- प्यार के गम को जाम में मत डुबाना,
दिल टूटा है तो जमाने से मत छिपाना।
इस आग में जलने का भी कुछ अलग मजा है,
दीवानों की फ़ेरहिस्त में एक नाम अपना भी सजाना॥
5- इस जुदाई में तुम कहते हो कि,
तेरी यादों के सहारे जी लूँगी।
तेरी इन यादों के सहारे हम,
खुद मौत को गले लगा लेंगे॥