नई दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में आते ही सिविल सर्विसिस की तैयारी करवाने के लिए कोचिंग, फोटोकापी की दुकाने, बाजार में बिकती मैगजीने तथा विद्यार्थियों का मेला एक अलग ही मंजर का अहसास कराता है।
नये नये विद्यार्थियों के लिए पहली मुश्किल किराए का कमरा ढूढने में आती है। 2008 में जब मै दिल्ली गया था तो मुखर्जी नगर में मुझे पहला कमरा 2300 ₹ में मिला था। 2014 में आज में मुखर्जी नगर के किराये को अफोर्ड नही कर सकता इसलिए बगल के इलाके नेहरु विहार में 7000₹ के कमरे में रह रहा हूँ। समझ जाइये की मंहगाई कितनी बढ़ चुकी है।
जब मै नया नया आया था तो एक जोश था कि पहली या दूसरी बार में ही IAS बन जाउगा। PCS की परीक्षा को पास कर लेता हूँ लेकिन आईएएस की परीक्षा का प्री कुछ नम्बरों से रह जाता है।
एक बात समझ में आती है कि बिना गाइड लाइन के इस क्षेत्र में आना जोखिम लेना होता है। इतने सालो बाद खुद की समझ विकसित करने में कोई समझदारी नही है अगर पहले से ही कोई रास्ता बताने बाला हो। मुझे रास्ता दिखाने बाला कोई नही मिला। अकेला अपने पथ पर अग्रसर हूँ। देखता हूँ कि कब भाग्य जागेगा।
Saturday, March 1, 2014
सिविल सर्विस की तयारी
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